पाठ्यक्रम
नई शिक्षा नीति-2020 के अनुसार स्नातक पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के लिए 46 संचित क्रेडिट के सापेक्ष तीन प्रमुख/मेजर विषय (दो कोर एवं एक इलेक्टिव) एक माइनर इलेक्टिव पेपर, दो सह-पाठ्यक्रम एवं दो व्यावसायिक पाठ्यक्रम होंगे, जिसे उत्तीर्ण करने पर Certificate in Faculty प्रदान किया जाएगा।
द्वितीय वर्ष 92 क्रेडिट संचित के सापेक्ष द्वितीय वर्ष में तीन प्रमुख विषय (दो कोर एवं एक इलेक्टिव) विषय, एक माइनर इलेक्टिव पेपर, दो व्यावसायिक पाठ्यक्रम होंगे, जिसे उत्तीर्ण करने पर Diploma in Faculty प्रदान किया जाएगा।
तृतीय वर्ष तक 132 संचित क्रेडिट के सापेक्ष इस वर्ष में दो प्रमुख/मेजर विषय (दो कोर एवं एक इलेक्टिव) विषय, दो सह-पाठ्यक्रम तथा दो माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट होंगे, जिसे उत्तीर्ण करने पर Bachelor in Faculty की उपाधि प्रदान की जाएगी।
विद्यार्थी को सफलतापूर्वक एक वर्ष पूर्ण करने पर सार्टिफिकेट के साथ, दो वर्ष पूर्ण करने पर डिप्लोमा के साथ निकास की सुविधा उपलब्ध होगी। विद्यार्थी को निर्गत प्रमाण-पत्र अथवा डिप्लोमा पर उनके द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त रोजगाार -परक पाठ्यक्रम का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा। विद्यार्थी को सफलतापूर्वक तीन वर्ष पूर्ण करने पर ही स्नातक की उपाधि प्राप्त होगी। वि़द्यार्थी निकास के पश्चात् अगले स्तर पर पुनः प्रवेश ले सकेगा, किन्तु प्रवेश लेने पर उसे अपना सर्टिफिकेट/डिप्लोमा विश्वविद्यालय में जमा करना होगा। साथ ही पूर्ण पात्रता के आधार पर विद्यार्थी को द्वितीय वर्ष में विषय परिवर्तन की सुविधा उपलब्ध होगी।
विद्यार्थी संकाय में सफलतापूर्वक तीन वर्ष पूर्ण करने पर न्यूनतम 60 क्रेडिट प्राप्त करेगा, उसी में उसे स्नातक की उपाधि प्रदान की जाएगी। यदि कोई विद्यार्थी तीन वर्ष में किसी एक संकाय में न्यूनतम 60 क्रेडिट प्राप्त नहीं कर पाता तो उसे बैचलर ऑफ लिबरल एजुकेशन की उपाधि दी जाएगी, तथा वह उन विषयों में स्नातकोत्तर कर सकेगा जिसमें स्नातक स्तर पर किसी भी विषय के पूर्ण पात्रता की आवश्यक शर्त नहीं होगी।
प्रवेश
सर्वप्रथम विद्यार्थी परिसर/महाविद्यालय में अपने संकाय का चुनाव स्नातक स्तर पर अपने प्रवेश पर ही करेगा। परिसर/महाविद्यालय उपलब्ध सीटों के आधार पर विद्यार्थी को सम्बन्धित संकाय में प्रवेश दे सकेंगे। प्रवेश, अर्हता परीक्षा में कुल प्राप्तांक प्रतिशत तथा अन्य निर्धारित मानकों के आधार पर तैयार की गई योग्यताक्रम सूची के अनुसार अभिलेखों की उचित जाँच -पड़ताल कर महाविद्यालय द्वारा किए जाएंगे।
स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश हेतु विषय वर्ग/संकाय के लिए पूर्ण पात्रता (Pre-Requisite)
विज्ञान वर्ग के विषयों से इंटरमीडिएट करने वाला छात्र स्नातक स्तर पर विज्ञान संकाय, कला संकाय, वाणिज्य संकाय तथा कृषि संकायों के अन्तर्गत प्रवेश प्राप्त करने के लिए पात्र होगा।
कला वर्ग के विषयों से इंटरमीडिएट करने वाला छात्र स्नातक स्तर पर कला संकाय एवं वाणिज्य संकाय के अन्तर्गत प्रवेश प्राप्त करने के योग्य होगा।
वाणिज्य वर्ग के विषयों से इंटरमीडिएट करने वाला छात्र स्नातक स्तर पर वाणिज्य संकाय अथवा कला संकाय के अन्तर्गत प्रवेश प्राप्त करने के लिए पात्र होगा।
कृषि वर्ग के विषयों से इंटरमीडिएट करने वाला छात्र स्नातक स्तर पर कृषि संकाय तथा कला संकाय के अन्तर्गत प्रवेश प्राप्त करने के लिए पात्र होगा।
व्यावसायिक वर्ग के विषयों से इंटरमीडिएट करने वाला छात्र स्नातक स्तर पर कला संकाय के अन्तर्गत प्रवेश प्राप्त करने के लिए पात्र होगा।
मुख्य (Major) विषय तथा गौण चयनित (Minor Elective) पेपर
- विद्यार्थी को प्रवेश के समय एक संकाय (कला, विज्ञान, वाणिज्य आदि का चुनाव करना होगा और उसे उस संकाय के दो मुख्य (Major) विषयों का चुनाव करना होगा। यह संकाय विद्यार्थी का अपना संकाय (Own faculty) कहलाएगा जिसका अध्ययन वह तीन वर्ष (प्रथम से छठे सेमेस्टर) तक कर सकता है।
- तीसरे मुख्य (Major) विषय का चुनाव विद्यार्थी किसी भी संकाय (अपने संकाय सहित) कर सकता है।
- विद्यार्थी द्वितीय/तृतीय वर्ष में मुख्य विषय बदल सकता है अथवा उनके क्रम में परिवर्तन कर सकता है। एक सेमेस्टर के बाद नहीं।
- विद्यार्थी को विषयों की उपलब्धता के आधार पर नियमानुसार विषय परिवर्तन की सुविधा होगी, परन्तु वह एक वर्ष के बाद ही विषय परिवर्तन कर सकता है, एक सेमेस्टर के बाद नही
- माइनर इलेक्टिव कोर्स किसी भी विषय में 4 क्रेडिट का होगा।
- मेजर/माइनर इलेक्टिव विषय विद्यार्थी को किसी भी संकाय से लेना होगा और इसके लिए किसी भी Pre-requisite की आवश्यकता नहीं होगी।
- बहुविषयकता सुनिश्चित करने के लिए स्नातक स्तर पर माइनर इलेक्टिव विषय सभी विद्यार्थियों को किसी भी चौथे विषय (उनके द्वारा लिए गये तीन मुख्य विषयों के अतरिक्त) लेना होगा।
- तीसरे मुख्य (मेजर) इलेक्टिव विषय तथा माइनर इलेक्टिव विषय का चयन विद्यार्थी द्वारा इस प्रकार किया जाएगा कि इसमें से कम से कम एक अतिवार्यतः अपने संकाय के अतरिक्त अन्य संकाय से हो।
- किसी संस्था में एक ही संकाय की स्थिति मे अथवा संस्थान के स्तर पर अपने संस्थान के अन्य विभाग से लिया जा सकता है। माइनर इलेक्टिव कार्स ऑनलाइन माध्यम से भी पूरा किया जा सकता है।
- स्नातकोŸार स्तर (प्रथम वर्ष) में माइनर इलेक्टिव पेपर का चुनाव अन्य संकाय से करना होगा।
- विद्यार्थी को प्रथम द्वितीय वर्ष (स्नातक) एवं चतुर्थ वर्ष (स्नातकोŸार) में माइनर इलेक्टिव विषय (एक माइनर विषय/पेपर/प्रति वर्ष) लेना अनिवार्य होगा। महाविद्यालय उपलब्ध सीटों के आधार पर माइनर विषय को आबंटित कर सकता है। तृतीय, पांचवें एवं छठवें वर्ष में माइनर इलेक्टिव पेपर अनिवार्य नहीं होगा।
- विद्यार्थी अपनी सुविधा से सम अथवा विषम सेमेस्टर में उपलब्ध माइनर इलेक्टिव विषय का चुनाव कर सकता है।
- माइनर इलेक्टिव विषय का चुनाव संस्थान में संचालित विषयों के अनुरूप किया जाएगा। चुने हुए माइनर/पेपर की कक्षाएं फैक्ल्टी में संचालित उसी कोर्स की कक्षाओं के साथ होंगी तथा उसकी परीक्षाएं भी उसी के साथ संचालित की जाएंगी।
पाठ्यक्रमों हेतु विषय संयोजन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसा के अनुरूप विश्वविद्यालय व्यवस्था के दृष्टिगत संचालित कला संकाय के विषयों को तीन समूहों (समूह अ, समूह ब तथा समूह स) में विभाजित करते हुए इनके चयन संबंधी निर्देश निम्नवत प्रस्तुत किये जा रहे हैं। प्रारंभिक रूप से यह नियम सत्र 2022-23 हेतु प्रभावी होंगे। आगामी सत्रों से इन नियमों को आवश्यकता अनुसार परिवर्तित किया जा सकता है। नियम परिवर्तन की दिशा में पृथक से अधिसूचना जारी की जाएगी।
समूह अ समूह ब समूह स
Hindi | Drawing | Economics |
English | Home Science | History |
Sanskrit | Education | Political Science |
Geography | Philosophy | |
Music | Sociology | |
Psychology | ||
Military & Defence Studies | ||
Anthropology |
प्रत्येक विद्यार्थी कला संकाय के अन्तर्गत स्नातक स्तर पर प्रथम सेमेस्टर में न्यूनतम दो और अधिकतम तीन प्रमुख/मेजर (02 कोर व एक 01 इलेक्टिव) विषयों का चयन कर सकता है। सामान्य रूप से प्रथम सेमेस्टर में चयनित विषय का अध्ययन विद्यार्थी को द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर मेें भी करना होगा।
किसी एक ही समूह के दो मेजर कोर लेने के पश्चात् मेजर इलेक्टिव अन्य समूह या अंतः संकाय से लिया जाएगा विद्यार्थी किसी एक समूह से अधिकतम दो विषयों का चयन मेजर कोर के रूप में कर सकता है। किसी एक समूह से तीन प्रमुख/मेजर विषयों का चयन नहीं किया जाएगा। अतः, विद्यार्थी दो से अधिक भाषा/साहित्य विषयों का चयन एक साथ नहीं करेगा व दो से अधिक प्रयोगात्मक विषयों का चयन एक साथ नहीं करेगा।
कौशल विकास/रोजगार परक पाठ्यक्रमों के संदर्भ मे विश्वविद्यालय परिसर/महाविद्यालय स्तर पर उत्तराखण्ड शासन के उच्च शिक्षा विभाग के शासनादेश संख्या 1196/XXIV-C-4/2021-01(06)/2019 दिनांक 8 अक्टूबर 2021 के अनुक्रम में कार्रवाई अपेक्षित है।
स्नातक स्तर के प्रत्येक विद्यार्थी का प्रथम दो वर्षों (चार सेमेस्टर) के प्रत्येक सेमेस्टर में 3 क्रेडिट का एक-एक कौशल विकास कोर्स 12(3×4) क्रेडिट के चार पाठ्यक्रम के साथ पूर्ण करना होगा।
महाविद्यालय को स्थानीय आवश्यकता और कॉर्पोरेट सेक्टर की मांग के अनुरूप कौशल विकास प्रशिक्षण से संबंधित पाठ्यक्रम का निर्धारण अपने स्तर से करने की स्वतंत्रता होगी।
सह- पाठ्यक्रम
- स्नातक स्तर के प्रत्येक विद्यार्थी तीन वर्षों (छः सेमेस्टर) के प्रत्येक सेमेस्टर में एक-एक सह पाठ्यक्रम करना अनिवार्य होगा।
- विद्यार्थी को हर समय सह- पाठ्यक्रम को 40 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण करना होगा। विद्यार्थी की ग्रेड शीट पर इनके प्राप्तांकों पर आधारित ग्रेड ता अंकित होंगे, परंतु उन्हें सी.जी.पी.ए. की गणना में सम्मलित नहीं किया जाएगा।
- ये छह पाठ्यक्रम सेमेस्टर अनुसार निम्नवत होंगेः
प्रथम सेमेस्टर : संपर्क व्यवहार कौशल
द्वितीय सेमेस्टर : पर्यावरण अध्ययन एवं मूल्य शिक्षा
तृतीय सेमेस्टर : श्री मद भागवत गीता में प्रबंधन प्रतिमान
चतुर्थ सेमेस्टर : वैदिक विज्ञान/वैदिक गणित
पंचम सेमेस्टर : ध्यान/रामचरित मानस में अनुप्रयुक्त दर्शन के
माध्यम से व्यक्तित्व विकास
षष्टम सेमेस्टर : भारतीय पांरपरिक ज्ञान का सार/विवेकानन्द अध्ययन
प्रवेश हेतु नियम एवं निर्देश (Rules & Regulations for Admission)
अभ्यर्थी आवेदन पत्र भरने से पहले एवं विषयों का चयन करते समय निम्नलिखित प्रवेश नियमों को भली प्रकार से पढ़ लें।
1. प्रवेश के समय को प्रवेश समिति के समक्ष अपने मूल प्रमाण-पत्रों सहित स्वयं उपस्थित होना अनिवार्य है। अपरिहार्य परिस्थितियों जैसे आपदा आदि में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया का विकल्प रहेगा।
2. डाक द्वारा प्राप्त, अपूर्ण/हस्ताक्षर – रहित तथा किसी भी अन्य द्वारा जमा कराए
गए आवेदन- पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा।
3. नए प्रवेशार्थी प्रवेश के लिए आवेदन-पत्र के साथ निम्नलिखित प्रमाण-पत्रों के साथ स्वयं उपस्थित होंः
(क) उत्तीर्ण परीक्षाओं की अंक तालिकाओं/प्रमाण- पत्रों की स्वप्रमाणित छायाप्रति।
(ख) स्थानान्तरण प्रमाण- पत्र (टी.सी.) मूल प्रति।
(ग) अन्तिम शिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य द्वारा निर्गत चरित्र-प्रमाण पत्र की मूल प्रति।
(घ) व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रवेश लेने के इच्छुक अभ्यर्थी को राजपत्रित अधिकारी द्वारा आचरण संबंधी प्रमाण-पत्र की मूल प्रति।
(ड) पासपोर्ट साईज की नवीनतम फोटो।
(च) अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/EWS की आरक्षण श्रेणी में आच्छादित होने के लिए तत्संबंधी प्रमाण-पत्र।
4. बी0ए0 प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु-इण्टरमीडिएट परीक्षा में न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक आवश्यक होंगे।
5. बी0एससी प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु इण्टरमीडिएट (विज्ञान वर्ग) परीक्षा मंे न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक अनिवार्य होंगे।
6. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम प्रवेश अर्हता में 5 प्रतिशत की छूट अनुमन्य होगी।
7. राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से (10़2) परीक्षा उत्तीर्ण छात्र/छात्रा स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए अर्ह है।
8. जो प्रवेशार्थी गत वर्ष में महाविद्यालय का संस्थागत विद्यार्थी रहा हो, उसके लिए प्रवेश आवेदन के साथ विगत् उत्तीर्ण परीक्षा की स्वप्रमाणित अंकतालिका संलग्न करना अनिवार्य है।
9. अंक सुधार परीक्षा (Back Paper) के उपरान्त केवल उन्हीं उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा जो पहले मुख्य परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुए हैं।
10. मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को अगली कक्षा में प्रवेश के पूर्व, निर्धारित तिथि तक प्रवेश लेना अनिवार्य होगा।
11. ऐसे विद्यार्थी ही भूतपूर्व छात्र के रूप में स्वीकार किये जाएंगे जिन्होंने शैक्षणिक सत्र में न्यूनतम निर्धारित उपस्थिति पूर्ण की हो और विश्वविद्यालय द्वारा उनका नियमानुसार प्रवेश-पत्र व अनुक्रमांक निर्गत किया गया हो और जिनकी वार्षिक/सेमेस्टर परीक्षा अस्वस्थता के कारण छूट गई हो।
12. अपूर्ण आवेदन- पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा।
13. किसी भी प्रवेशार्थी का आवेदन पत्र अस्वीकार करने या बिना कारण बताए निरस्त करने का अधिकार प्राचार्य को है। किसी भी अभ्यर्थी द्वारा गलत प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने या किसी भी आवश्यक तथ्य को छुपाने की जानकारी प्राचार्य को प्राप्त होने पर सम्बन्धित का प्रवेश निरस्त किया जा सकेगा।
14. UGC की Website-www.antiragging.in पर जाकर Online एण्टी-रैगिंग प्रपत्र अभ्यर्थी द्वारा व उसके अविभावक द्वारा भरा जाएगा तथा उसका Print Out प्रवेश आवेदन- पत्र के साथ लगाना होगा।
15. महाविद्यालय के प्रत्येक संकाय में सम्बन्धित विश्वविद्यालय के नियमानुसार छात्र-संघ चुनाव लिंगदोह समिति की सिफारिशों के आधार पर सम्पन्न होंगे।
16. किसी संकाय/विषय में स्वीकृत सीटों से अधिक प्रवेश आवेदन-पत्र जमा होने पर प्रवेश मेरिट सूची के अनुसार होंगे।
17. सभी कक्षाओं में प्रवेश हेतु 90 प्रतिशत सीटें उत्तराखण्ड के निवासियों हेतु होंगी। अन्य राज्यों के अभ्यार्थियों को अधिकतम 10 प्रतिशत स्थानों पर कट-ऑफ मैरिट-सूची के आधार पर प्रवेश मिलेगा।
18. अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को प्रवेश पूर्व अपने जिले के पुलिस अधीक्षक/थानाध्यक्ष से पुलिस सत्यापन प्रमाण-पत्र (हस्ताक्षर, नाम एवं सील सहित) प्रस्तुत करना होगा।
19. प्रवेश-शुल्क जमा करने के बाद का किसी भी स्थिति में शुल्क वापस नहीं होगा।
20. अन्य महाविद्यालयों में प्रवेश ले चुके प्रवेशार्थी को इस महाविद्यालय में प्रवेश देय नहीं होगा।
21. जिन छात्रों की गतिविधियाँ अनुशासन मण्डल/प्रशासन की दृष्टि से अवांछनीय होंगी उन्हें प्रवेश से रोका जा सकता है या, उनका प्रवेश निरस्त किया जा सकता है।
22. प्रवेश के संबंध में समस्त सूचनाएं सूचना-पट्ट पर चस्पा होंगी। इसलिए समस्त विद्यार्थी समय-समय पर सूचनापट्ट का अवलोकन करते रहें।
23. उपरोक्त प्रवेश नियमों के अतिरिक्त उत्तराखण्ड शासन, श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय, बादशाही थौल, (टिहरी, गढ़वाल) द्वारा संशोधित अथवा नवीनतम निर्देशों एवं नियमों को भी प्रभावी माना जाएगा।
कला संकाय (Arts Faculty) (स्नातक)
महाविद्यालय में कला संकाय के अन्तर्गत पठन-पाठन होता है। स्नातक स्तर पर कला संकाय के अन्तर्गत निम्न विषयों में अध्ययन की सुविधा है।
1. हिन्दी
2. अंग्रेजी
3. संस्कृत
4. भूगोल
5. समाजशास्त्र
6. राजनीति विज्ञान
7. इतिहास
8. अर्थशास्त्र
9. सैन्य विज्ञान
कला संकाय हेतु सामान्य नियमः-
1. स्नातक में प्रवेश हेतु इण्टरमीडिएट (10+2) या उसके समकक्ष परीक्षा में 40% अंक अनिवार्य है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए प्रवेश हेतु अर्हता में 5 प्रतिशत अंकों की छूट देय होगी।
2. विषयों तथा पाठ्यक्रमों का निर्धारण पूरी तरह शासन एवं विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनुसार होगा।
3. प्रत्येक विषय में 60 सीटें निर्धारित हैं।
4. बी0ए0 (द्वितीय वर्ष) में पर्यावरण विज्ञान विषय का अध्ययन अनिवार्य है।
शुल्क (Fee)
1. शुल्क का निर्धारण शासन तथा विश्वविद्यालय से प्राप्त दिशा निर्देशों के आधार पर किया जाएगा।
2. विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश हेतु शुल्क-विवरण नोटिस-बोर्ड पर चस्पा किया जाएगा।